हीराकुंड बांध का इतिहास और घूमने की जानकारी – Hirakud Bandh In Hindi

हीराकुंड बांध (Hirakud Bandh In Hindi) उड़ीसा राज्य के संबलपुर जिले में स्थित है, इस बांध को देश की आजादी के पश्चात नई नवेली सरकार ने बनाया था इस बांध के प्रोजेक्ट को सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा शुरू किया गया था लेकिन बाद में उड़ीसा सरकार ने अपने अंडर में ले लिया था विश्व बांध का निर्माण कार्य 1948 से 57 के बीच पूर्ण हुआ था।

यह बांध विश्व की सबसे बड़ी बांध और एशिया की सबसे अधिक पानी स्टोर करने वाली बांध के रूप में विश्व विख्यात है, यहां पर सालाना हजारों टूरिस्ट इस बांध को देखने के लिए आते हैं। इस बांध को महानदी के ऊपर बनाया गया है और यहां पर आसपास में बहुत ही खूबसूरत पहाड़ जंगल और टूरिस्ट लोकेशन है।

Table of Contents

हीराकुंड बांध के आसपास घूमने की मुख्य जगह (Hirakud Bandh In Hindi)

आइए दोस्तों हीराकुंड बांध के आसपास की घूमने की जगह के बारे में विस्तार से जानकारी देख लेते हैं।

1.हीराकुंड बांध – The dam itself

25 किलोमीटर लंबी यह बांध देखने वाले दर्शकों को बहुत ही आकर्षित करती है इस बांध का महान जलाशय देखने वाले देखकर स्तब्ध हो जाते हैं।

इस बांध पर जाकर आप यहां की हिस्ट्री और इस बांध के निर्माण कार्य के बारे में पूरी जानकारी देख सकते हैं यहां पर जगह-जगह मीनारें बनी हुई हैं जिन पर आपको जानकारी मिलती रहेगी बहुत से दंगे फसाद भी इस बांध ने देखे हैं जिनकी जानकारी भी आपको बांध के आसपास के इलाकों में ही मिल जाएंगे।

2. गांधी मीनार – Gandhi Minar

यह मीनार महात्मा गांधी की याद में बनाई गई एक सुप्रसिद्ध मीनार है, यह मीनार हीराकुंड जलाशय के पास में ही स्थित है जिसको देखने के लिए बहुत सारे विजिटर आते रहते हैं इस मीनार से आपको हीराकुंड बांध और आसपास के इलाकों का बहुत ही खूबसूरत दृश्य देखने को मिलेगा यह जगह फोटोग्राफी के लिए ही बहुत ही सूटेबल है और विजिटर यहां पर अच्छी फोटो खींचने के लिए आते हैं।

3. हुमा मंदिर – Huma Temple

हुमा मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है जो कि हीराकुंड बांध से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस मंदिर में जाकर आप अपने भगवान शिव के बारे में और अधिक जान सकते हैं और इस मंदिर की खूबसूरती देखने वाले देखते ही रह जाते हैं यहां का आर्किटेक्चर बहुत ही भव्य है और यह परंपरागत दक्षिण भारत की शैली में बनाया गया एक मंदिर है।

4. भालू पार्क – Deer Park

भालू पाक हीराकुंड के पास में स्थित बहुत ही खूबसूरत जगह है और अगर आप वन्य प्राणियों को देखने के शौकीन हैं तो आपको इस पार्क में जरूर आना चाहिए यहां पर आपको अलग-अलग नस्ल के कई बालू देखने को मिलेंगे, यह एक तरह से चिड़ियाघर की तरह हैं भालुओं के साथ-साथ यहां पर आपको कई और वन्य प्राणी भी मिल जाएंगे।

5. समलेश्वरी मंदिर – Samaleswari Temple

यह समलेश्वरी मंदिर देखने में बहुत ही खूबसूरत है और यह हीराकुंड बांध से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह देवी समलेश्वरी को समर्पित एक मंदिर है जो कि दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया है।

समलेश्वरी मंदिर उड़ीसा के महान मंदिरों में से एक है यह मंदिर फोटोग्राफी स्पॉट के लिए भी प्रसिद्ध है, अगर आप फोटोग्राफी के दीवाने हैं तो आपको इस मंदिर के करीब एक बार फोटो जरूर खिंचवाने चाहिए।

6.घंटेश्वरी मंदिर – Ghanteswari Temple

उड़ीसा की घंटेश्वरी देवी को समर्पित यह मंदिर हीराकुंड बांध से केवल 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मंदिर अपने ब्यूटीफुल आर्किटेक्चर और अपने आसपास के खूबसूरत जगहों के लिए प्रसिद्ध है इस मंदिर के आसपास बहुत ही खूबसूरत जगह है जहां पर आप जा सकते हैं और घूम सकते हैं।

7. हीराकुंड जलाशय – Hirakud Reservoir

हीराकुंड जलाशय में आपको मगरमच्छ भी देखने को मिल जाएंगे, यह जलाशय देखने में बहुत ही विशाल है लगभग 8000 मिलियन गेलोन से ज्यादा का पानी यह जलाशय स्टोर कर सकता है।

महानदी के आसपास के इलाके को हीराकुंड जलाशय का दर्जा दिया जाता है महानदी संव्य में बहुत ही विशाल नदी है, हीराकुंड बांध के कारण इसकी खूबसूरती पर चार चांद लग जाते हैं।

8. विक्रम खोल गुफाएं – Bikramkhol Cave

अगर आप अपनी ऐतिहासिक दृश्यों को देखने के शौकीन हैं तो आपको विक्रम खोल की गुफाओं में एक बार जरूर जाना चाहिए यह गुफाएं हीराकुंड बांध से केवल 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और देखने वालों को चकित कर देती है इनको पांव के अंदर आपको प्रति हासिक समय की बहुत सी पेंटिंग मिल जाएंगे।

यह पेंटिंग उस समय के लोगों द्वारा बनाई गई थी जो इस गुफा के अंदर रहा करते थे इन पेंटिंग्स के द्वारा आप उस समय के रहन-सहन और शिकार के बारे में और अधिक जानकारी ग्रहण कर सकते हैं।

हीराकुंड बांध का इतिहास (Hirakud Bandh In Hindi)

हीराकुंड बांध के लिए सबसे प्रथम प्रस्ताव 1930 में विश्वेश्वरैया नाम के इंजीनियर द्वारा दिया गया था, यह प्रस्ताव उड़ीसा राज्य की विद्युत मांग को पूरा करने के लिए दिया गया था, उस समय में भारत एक ब्रिटिश राष्ट्र हुआ करता था, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इस बांध के प्रोजेक्ट में किसी भी प्रकार का कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया था, यह प्रोजेक्ट बहुत ही जरूरी था इसलिए देश की आजादी के पश्चात 1948 में भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया था।

इतने विशाल प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग 8 साल का समय लग गया था और 1957 मैं यह प्रोजेक्ट पूरा हुआ था इस डैम को बनाने में 100,000 वर्कर्स में योगदान दिया था, इस डैम को बनाने के लिए लगभग 2 सालों तक डैम के आसपास के जलाशय को भरा गया था।

जब इस डैम का कार्य पूर्ण हुआ तो यह 28 किलोमीटर लंबा 61 मीटर ऊंचा और लगभग 748 स्क्वेयर किलोमीटर में फैला हुआ एक डैम बन चुका था।इस डैम की बदौलत लगभग 7.5 लाख हेक्टेयर इलाके को पानी मिलता है और लगभग 307 मेगावाट बिजली उड़ीसा राज्य को मिलती है।

इस डैम की बदौलत महानदी में आने वाली बाढ़ को भी कंट्रोल किया जा सकता है, और आसपास की कई समस्याओं का समाधान केवल इस डैम के बनने से हो गया है।

हीराकुंड बांध पर किए जाने वाले मनोरंजन के कार्य

1. पानी के खेल

दोस्तों अगर आप पानी के खेलों के शौकीन है तो आपको बता दूं कि हीराकुंड बांध के करीब आप वोटिंग भी कर सकते हैं और इसके अलावा बहुत से ऐसे वाटर स्पोर्ट है जो कि आपको बहुत ही लुभावने प्रतीत होंगे आप महानदी में किश्ती भी चला सकते हैं, यहां पर आपको बहुत सारे गाइड मिल जाएंगे जो कि आपको इसके बारे में अधिक जानकारी दे सकते हैं।

2. वन्य प्राणियों के दृश्य

हीराकुंड के आसपास आपको बहुत से वन्य प्राणी मिलेंगे यहां पर भालू और हाथी मुख्य वन्य प्राणी है इसी के साथ-साथ नदी में आपको बहुत से मगरमच्छ भी देखने को मिलेंगे छोटे बड़े जीव जंतु पक्षी यहां पर बहुत ही खूबसूरत होते हैं।

अगर आप हीराकुंड जा रहे हैं, तो यहां के भालू पार्क में आपको एक बार जरूर आना चाहिए, यहां पर आपको भालुओं की अलग-अलग प्रजाति मिल जाएगी और इसी तरह से यहां पर हाथियों के लिए भी एक अलग जगह हैं, और यहां के लोकल लोग भी आपको हाथ ही लिए हुए मिल जाएंगे, आप चाहे तो हाथी पर शेर भी कर सकते हैं।

3. खूबसूरत मंदिर

हीराकुंड के आस पास बहुत से खूबसूरत मंदिर है, जो कि परंपरागत उड़ीसा स्टाइल में बनाए गए हैं बहुत से मंदिर यहां के राजा महाराजाओं ने बनाए थे और बहुत से सरकार द्वारा निर्मित हैं, यहां के मंदिर देखने में बहुत ही खूबसूरत होते हैं और दूर-दूर से लोग इन मंदिरों में पूजा करने के लिए आते हैं, अगर आप धार्मिक समय में जाते हैं तो आप मंदिर किया असल खूबसूरती देख सकते हैं

हीराकुंड बांध पर घूमने का यात्रा प्लान – Hirakud Bandh Travel Plan

आपको सर्वप्रथम अपनी यात्रा हीराकुंड बांध से शुरू करनी चाहिए, आपको हीराकुंड बांध के आसपास की खूबसूरती को देखना चाहिए, और यहां के खूबसूरत दृश्य को कैमरे में कैद करना बिल्कुल भी मत भूलिए, यह स्थान फोटोग्राफी के लिए भी जाना जाता है, आपको डैम के ऑब्जरवेशन पॉइंट पर जरूर जाना चाहिए, और यहां की हिस्ट्री और परपज को जरुर देखना चाहिए।

इसके बाद आपके पास के शहर संबलपुर में जाना चाहिए और यहां के समलेश्वरी मंदिर में दर्शन करने चाहिए, यह मां समलेश्वरी को समर्पित बहुत ही खूबसूरत मंदिर है, आप आसपास की मार्केट में घूम सकते हैं, इसके बाद आप हुमा नामक एक प्राचीन गांव में जाइए जो पास में ही स्थित है यहां पर भी मंदिर स्थित है, इसे हुमा का मंदिर के नाम से जाना जाता है, यह नदी के सामने स्थित है तथा अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है।

हीराकुंड बांध से जुड़े कुछ रोचक तथ्य – Some interesting facts about hirakund bandh

आइए दोस्तों हीराकुंड बांध से जुड़े कुछ जरूरी तथ्यों के बारे में देख लेते हैं –

  1. हीराकुंड बांध दुनिया की सबसे लंबी बांध है इस बांध की लंबाई लगभग 25 किलोमीटर है और ऊंचाई 61 मीटर से भी अधिक है
  2. यह डैम 1948 से 1957 के बीच बनाई गई थी, उस समय के प्रधानमंत्री ने महानदी के बहाव को रोकने के लिए और हाइड्रोलिक पावर के विस्तार के लिए इस नदी का निर्माण करवाया था
  3. यह डैम विश्वेश्वर्या नाम के एक इंजीनियर द्वारा डिजाइन किया गया था
  4. हीराकुंड बांध की बदौलत उड़ीसा के हालात बहुत अधिक सुधरे हैं और बहुत से किसानों को पानी मिला है
  5. इस बांध के स्टोरेज कैपेसिटी 8136 मिलियन क्यूबिक मीटर है जो कि एशिया की सबसे बड़ी डैम में शुमार है
  6. इस डैम के निर्माण ने 100000 लोगों को बेघर कर दिया था और उस समय में बहुत से दंगे फसाद हुए थे और इस डैम के विरोध में बहुत आंदोलन ही किया गए थे
  7. इस डैम में मगरमच्छ भी पाए जाते हैं और इसी के साथ-साथ यहां पर भालू और हाथी की विशेष प्रजातियां पाई जाती है
  8. देश की आजादी के तुरंत पश्चात ही इतना बड़ा निर्माण कार्य करने के कारण भारत पूरी दुनिया में इंजीनियरिंग की दुनिया का बादशाह बन चुका था

हीराकुंड बांध घूमने का सबसे सही समय – Best Time to Visit at Hirakund Bandh

जैसा कि आप जानते हैं उड़ीसा एक गर्म जगह है, और यहां पर गर्मियों में गर्मी बहुत अधिक पड़ती है जिससे कि यहां पर घूमना नामुमकिन हो जाता है इसलिए हीराकुंड बांध पर घूमने का सबसे सही समय सर्दियों का है जब तापमान 10 से 25 डिग्री के बीच हो यहां पर आप नवंबर से मार्च के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं और

अगर आप मार्च के बाद आते हैं तो नदी का पानी भी कम हो जाएगा जिससे इस बांध को देखने का उतना मजा नहीं रहेगा और अगर आप सर्दियों में जाते हैं तो बांध अपने ऊपरी स्तर पर रहती है। आपको जून से जुलाई सितंबर के मानसून सीजन में यहां पर बिल्कुल भी नहीं आना है, क्योंकि इस समय पर यहां पर बहुत अधिक वर्षा के कारण कई बार बाढ़ जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है।

हीराकुंड बांध के आसपास रुकने की जगह – Where To Stay at Hirakud

हीराकुंड बांध दूरदराज के इलाकों में स्थित है इसलिए यहां पर रुकने के लिए आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, यहां से 22 किलोमीटर दूर संबलपुर नाम की जगह है संबलपुर डिस्ट्रिक्ट में ही हीराकुंड बांध स्थित है, संबलपुर में आपको बहुत से होटल मिल जाएंगे आपको यहां पर कई लग्जरी होटल और कई नार्मल होटल मिल जाएंगे अगर आप लग्जरी होटल में रहना चाहते हैं तो आपका खर्चा 4 से ₹5000 प्रतिदिन तक हो जाएगा।

और अगर आप किसी नॉरमल होटल में रुकेंगे तो 500 से ₹700 में 1 दिन आसानी से निकाल सकते हैं।

हीराकुंड बांध कैसे जाएं? – How to reach at Hirakund Band

1. सड़क मार्ग से हीराकुंड बांध कैसे जाएं? – How To Reach Hirakud Band By Road In Hindi

अगर आप हीराकुंड बांध पर सड़क मार्ग से आना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि नेशनल हाईवे नंबर 53 पर हीराकुंड बांध स्थित है यह हाईवे संबलपुर और रायपुर से होते हुए आता है और हीराकुंड बांध को क्रॉस करते हुए निकलता है।

2. ट्रेन से हीराकुंड बांध कैसे जाएं? – How To Reach Hirakud Band By Train In Hindi

हीराकुंड बांध संबलपुर में स्थित है और संबलपुर का अपना एक रेलवे स्टेशन है जहां से आप पूरे भारत से कहीं से भी ट्रेन के माध्यम से आ सकते हैं हीराकुंड बांध इस रेलवे स्टेशन से केवल 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

3. हवाई जहाज से हीराकुंड बांध कैसे जाएं? – How To Reach Hirakud Band By Train In Hindi

हीराकुंड बांध के सबसे करीबी एयरपोर्ट 260 किलोमीटर दूर भुवनेश्वर शहर का मुख्य एयरपोर्ट ही है अगर आप हवाई जहाज से आना चाहते हैं तो पूरे देश से कहीं से भी डोमेस्टिक फ्लाइट लेकर भुवनेश्वर आ सकते हैं और इसके बाद बस या टैक्सी की सहायता लेकर आप आसानी से हीराकुंड बांध घूमने के लिए जा सकते हैं।

हीराकुंड बांध का फोटो (Hirakud Bandh In Hindi)

Hirakud Bandh In Hindi

FAQs:- HiraKund Bandh in Hindi

हीराकुंड बांध क्यों प्रसिद्ध है?

हीराकुंड बांध विश्व का सबसे बड़ा बांध है जो कि देश की आजादी के पश्चात बनाया गया एक बहुत बड़ा इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट था इस समय में हजारों लोग साल भर में हीराकुंड बांध को देखने के लिए उड़ीसा में जाते हैं यह इंजीनियरिंग का एक बेहद खूबसूरत और बड़ा नमूना है।

हीराकुंड बांध की ऊंचाई लंबाई और चौड़ाई?

हीराकुंड बांध लगभग 25 किलोमीटर लंबा और 61 मीटर ऊंचा है।

हीराकुंड बांध कौन सी नदी पर स्थित है?

हीराकुंड बांध महानदी पर स्थित है।

हीराकुंड बांध किसने बनवाया था?

हीराकुंड बांध भारत सरकार द्वारा बनवाया गया था और इसके पश्चात इस प्रोजेक्ट को ओडिशा सरकार द्वारा अपने अंडर में ले लिया गया था इस बांध का निर्माण कार्य मोक्षगुंडम विश्व श्रेया के नेतृत्व में समाप्त हुआ था और इन्हीं ने इस बांध को डिजाइन भी किया था, विश्व श्रेया नाम के यह इंजीनियर भारत के कई महत्वपूर्ण बांध निर्माण कार्य में भी शामिल हुए थे।

हीराकुंड बांध किस नदी पर स्थित है

हीराकुंड बांध ओड़िशा में महानदी पर स्तिथ बांध हैं।

हीराकुंड बांध का निर्माण कब हुआ

हीराकुंड बांध का निर्माण 1957 में हुआ था।

हीराकुंड बांध किसने बनवाया

15 मार्च 1946 को उड़ीसा के तत्कालीन गवर्नर सर हॉथोर्न लुईस ने हीराकुंड बांध की आधार शिल रखी तथा 12 अप्रैल 1948 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कंक्रीट का पहला टुकड़ा रखा और 1953 में यह बांध बनकर तैयार हुआ।

Conclusion:-

तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल, इस आर्टिकल में हमने हीराकुंड बांध के बारे में संपूर्ण जानकारी देखी है, हमने इस आर्टिकल में जाना कि हीराकुंड बांध (Hirakud Bandh In Hindi) और वहां के आसपास में घूमने के लिए कौन सी जगह सबसे महत्वपूर्ण है, और इसी के साथ-साथ हमने यहां पर रुकने की जगह और कुछ महत्वपूर्ण क्वेश्चन के बारे में भी देखा है, अगर आपको जानकारी अच्छी लगी है तो अपने करीबी साथियों के साथ साझा करना बिल्कुल भी ना भूलें, मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नई जानकारी के साथ।

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हेलो दोस्तों मेरा नाम Bhavesh Gadri हैं और मैं इस ब्लॉग का Author और Content Writer हूँ। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लग रही हो तो इसे शेयर जरूर करे

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